“माँ-बाप और बेटा”!!®!!.

मैं तो बस उसको देखता ही रह गया, जब उसने कहा आपने लोगों ने किया ही क्या है हमारे लिए??    और मैं बेचारा उस दिन को याद करके मन ही मन बिलखने लगा , जब मैं उसे अपने इन्ही कन्धों पर बिठाकर कोशों तक चलता था,।

वो अपनी पढाई करे इसके लिए हमने अपनी इच्छाओं को ताख पर रख दिया, और खुद भूखे रहकर उसकी हर तरह की इच्छाओं को पूरा करने का हमेशा प्रयाश किया।।

जब वो रात को जगकर रोता था, तो मैं जगकर उसे सुलाता था और रात भर उसकी देखभाल करने के लिए मैं जगता रहता था,।

     अच्छी तरह से याद है  मुझे जब  तू बीमार पड़ा था तब मैं और उसकी माँ, साडी रात जगे थे और सुबह होते ही मैं उसे अपने इन्ही कन्धों पर उठाकर अपने सीने से चिपकाकर भरी बरसात में 18 कोस दूर डॉक्टर के पास ले गयाथा और 3 दिन वही रुककर बिना कुछ खाये पिए गुजार दिए थे, ।।          और जब तुझे होश आया था तब मैं उसी तरह नंगे पैर उन कटीले रास्तों पर दौङता हुआ तुझे ख़ुशी से गए ले चिपकाये हुए भगत चला आ रहा था। और तू भी खुश था ।।।

तेरी माँ ,तेरे मुँह से कभी रोना सुन लेती थी तो अपने सारे काम काज छोड़कर भगति हुयी तेरे पास आती थी और तुझे गले से लगाकर तुझे लोरियां सुनकर , और फिर तुझे सुलाती थी ।

    अगर तुझे कोई कुछ गलत कह दे तो तेरी माँ से बर्दास्त नहीं होता था और वो उससे लड़ जाती थी, और तुझ पर कोई मुसीबत आने से पहले वो अपने ऊपर उसे ले लेती थी,।

    जब तू सादी के लायक हुआ हम बहुत खुश थे कि हमारा लाल अब दूल्हा बनेगा और हमारे लिए बहू लायेगा,,,  और सब कुछ हशी ख़ुशी से बीत गया।।                                 हमने तो सोचा था हमारा बेटा बड़ा होकर हमारी ख़ुशी का कारण बनेगा , हमें दो चार खुशियां देगा लेकिन हमें क्या पता था कि हमारे साथ ये होगा ,,वो बेटा जो कभी ज्यादा तेज बोलने पर रोने लगता था, वही आज हमसे ऊँची आवाज में बाते  कर रहा है,।

वो बेटा जो अपनी जिद के लिए अपनी माँ के हाथों से ही खाना खाता था वही आज उस माँ को खाना नही पूछता है,,।

वो बेटा जो मेरी ऊँगली पकड़कर चलता था आज वही हमारे जीवन का सहारा भी नही बनना  चाहता है,।

वो बेटा जो कभी हमसे दूर नही जाता था, आज उसी ने हमें घर से निकाल दिया, ।

              क्यों,                                                                                   आखिर क्यों???

 

       माँ अगर दिल है तो बाप धड़कन,                                         माँ अगर आँखे हैं तो बाप उसकी रौशनी,                                माँ अगर दिन है तो बाप चमकता हुआ सूर्य,                           माँ अगर सागर है तो बाप उसकी लहरें,,।।।।    दोनों का एक दूसरे के बिना कोई अस्तित्व नहीं है ।              दुनिया में हम कितना भी नाम कमा लें लेकिन सफलता केवल माता पिता के आशिर्वाद से ही मिलती है,।               

       इसलिए ये मेरे दोस्त सब कुछ करना दुनिया में लेकिन कभी माता- पिता के  स्वाभिमान को ठेस मत पंहुचाना, माता पिता सब कुछ सह सकते हैं लेकिन अपनी औलाद के तीखे सब्द नहीं सह सकते हैं,।।।।।

     अगर जीवन में सफल होना है और जीवन में मन सम्मान पाना है तो कभी भी माता- पिता को दुःख न देना मेरे दोस्त,,,।।।।

दुनिया में भगवान् नही हैं , जो हैं बस यहॉ हमारे माता-पिता हैं ,इनके चरणों में ही संसार है और इनकी सेवा मात्र से ही जीवन का उद्धार है।।।।


                    “माँ”

                                   “कुमार रंजीत”!!®!!…

2 Comments Add yours

  1. बहुत सुंदर पोस्ट

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    1. धन्यवाद,

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